पुराने दोस्तों के साथ रहने से पुराणी यादें ताज़ा हो जाती है,
जब हम मिलते है -हमें हमारे उन दिनों के पल याद आ जाते है,
कभी हम हस्ते खेलते,
कभी हम रुठते मानते,
किसीका तिफ्फिन चुराते,
किसीकी बैग उढ़ाते,
लड़कियों को चिढाना,
फिर खुद ही अपने आप में शर्मना,
लड़कियों की मदद करने के लिए किसीसे भी लड़ना,
फिर उन्ही लड़कियों की बेवफाई पे रोना,
टीचर से पंगा,
कॉलेज में दंगा,
मार्क्स की खित्पित,
जूतों की घिसघिस,
सीनीअर का टेंशन,
जुनीअर पे इम्प्रेसन,
कैसे थे वोह पल,
वोह लम्हे,
आज जब याद आते हैं तोह आँखों से आंसू जुदा हो जाते हैं।
क्या बताऊ यारो जब ये पल याद आते हैं.
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